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सोमवार, 21 अप्रैल || परमेश्वर उनका आदर करते है जो वफादार हैं


आत्मिक अमृत अध्ययनः गिनतीः 12ः4 - 8, 1 शमूएलः22ः14



‘सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं ‘ - नीतिवचन 28ः20


परमेश्वर का आशीर्वाद केवल हमारी तथाकथित आध्यात्मिक गतिविधियों पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि परमेश्वर के साथ सही संबंध रखने और उनकी कृपा पर भरोसा करने पर निर्भर करता है। हम परमेश्वर के साथ सही संबंध कैसे बना सकते हैं? सभी चीजों में सदैव उनके प्रति वफादार रहकर। क्या हम परमेश्वर के प्रति वफादार हैं? क्या हम उन्हें वह समय देने में वफादार हैं जो हमें देना चाहिए? क्या हम उनके चरणों में प्रतीक्षा करते हैं और जितनी बार संभव हो सके उनसे बातचीत करते हैं? क्या हम उनके प्रति अपने प्रेम में वफादार हैं? क्या हम निश्चितता के साथ कह सकते हैं, ‘‘मैं अपने प्रभु से ऊपर किसी और चीज को नहीं रखता - मेरे बच्चे, मेरी नौकरी, पैसा कमाने का मेरा उत्साह, या कुछ और?‘‘


प्रिय मित्रों, यदि हम छोटे-छोटे मामलों में भी पूरे दिल से प्रभु के प्रति वफादार रहने का प्रयास करें, तो वे निश्चित रूप से हमारा सम्मान करेंगे और उचित समय पर हमें पुरस्कृत करेंगे। जब दाऊद अपने पिता की भेड़ें चराता था, तब वह अपने काम में कभी लापरवाह नहीं होता था। उसके पास अपनी देखरेख में प्रत्येक भेड़ की रक्षा करने का साहस और ताकत थी। यहां तक कि जब वह ‘‘काम पर‘‘ थे, तब भी उनका प्रभु के साथ लगातार घनिष्ठ संपर्क बना रहता था। यहां तक कि जब वह शाऊल की देखभाल करने के लिए उसके महल में दाखिल हुआ, तब भी दाऊद ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाई - शाऊल से दुष्ट आत्मा को बाहर निकाला। उसकी निष्ठा के कारण प्रभु ने उसे इस्राएल का राजा बना दिया। उनके वफादार दिल ने उन्हें प्रभु से प्रमाणपत्र दिलाया - ‘‘मेरे अपने दिल के अनुसार एक आदमी।‘‘ मूसा के विषय में भी प्रभु ने गवाही दी, ‘‘वह मेरे सारे घराने में विश्वासयोग्य है।‘‘ क्या हम जहाँ भी जाते हैं और जो कुछ भी करते हैं उसमें, प्रभु के प्रति वफादार रहकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं? नीतिवचन 20ः6 कहता है, “सच्चा पुरुष कौन पा सकता है?” आइए हम परमेश्वर के वफादार पुरुष और महिलाएं बनें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। आमीन.
प्रार्थनाः प्रेमी प्रभु, मुझे साधारण मामलों में भी वफादार रहने में मदद करें। मैं आपकी आज्ञा मानने में, आपके प्रति अपना प्यार दिखाने में और आपके राज्य का विस्तार करने में आपके प्रति वफादार रहूं। दाऊद और मूसा मेरे आदर्श बनें और उनका जीवन मुझे वफादार रहने के लिए प्रेरित करे। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन
 
 

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