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शुक्रवार, 11 अप्रैल || यह या तो अनुग्रह है या कानून!


आत्मिक अमृत अध्ययनः गलातियों 1ः6-9



‘मुझे आश्चर्य होता है कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह में बुलाया उससे तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे। ‘ - गलातियों 1ः6


गलातियों को सच्चे सुसमाचार से भटकते देखकर पौलुस घबरा गये। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य होता है कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह में बुलाया उससे तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे।‘‘ यह भिन्न सुसमाचार उस प्रकार का सुसमाचार नहीं था जिसका पौलुस ने प्रचार किया था, दूसरे शब्दों में यह बिल्कुल भी सुसमाचार नहीं था! इस सुसमाचार का प्रचार करने वाले यहूदीवादियों या झूठे प्रचारकों ने व्यक्ति को परमेश्वर के साथ सही होने के लिए खतना जैसे कार्यों को जोड़ दिया था। उन्होंने विधिवाद का प्रचार किया जो हमारे प्रभु ईसा मसीह में पाई जाने वाली कृपा की खुशखबरी का बिल्कुल विरोध करता था। यह वह शिक्षा थी कि लोगों को कार्यों या मानवीय प्रयासों से बचाया जाता है, जिसमें इस मामले में, कानून का पालन करना और इस्राएल के साथ किए गए पुराने नियम की परमेश्वर की वाचा में पाए गए अनुष्ठानों और समारोहों का पालन करना शामिल होगा। यह ‘‘अच्छी खबर‘‘ नहीं थी, बल्कि ‘‘बुरी खबर‘‘ थी जिसने अनुग्रह के सुसमाचार की शक्ति को पूरी तरह से कमजोर कर दिया।


प्रिय दोस्तों, यहां हम सभी के लिए एक सबक है। जब तक हम पवित्रशास्त्र की सच्चाई पर खड़े होने का दृढ़ निर्णय नहीं लेते है, हम स्वयं को झूठी शिक्षाओं के प्रति संवेदनशील बना लेंगे। हमारे बीच अभी भी कुछ शिक्षाएँ हैं जो अनुग्रह के सुसमाचार में कुछ जोड़ने की बात करती हैं। यह केवल किसी चीज पर विश्वास करने के बजाय कुछ करने पर है। यह विश्वास के साथ कुछ कार्य के बिना के बजाय विश्वास के साथ कुछ कार्य है। आइए हम अपने मन में रखें कि सुसमाचार इस पर केंद्रित है कि यीशु ने हमारे लिए क्या किया है, न कि इस पर कि हम उनके लिए क्या करते हैं। आइए हम मूर्ख न बनें। मुक्ति केवल अनुग्रह से, यीशु पर भरोसा करने और हमारे पापों के लिए क्रूस पर उनकी मृत्यु के माध्यम से उपलब्ध है।

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मुझे ‘‘बुरी खबर‘‘ से धोखा न खाने दें - कार्यों और विधिवाद के अलग-अलग सुसमाचार जो केवल मसीह यीशु, मेरे प्रभु में पाए जाने वाले अनुग्रह की ‘‘अच्छी खबर‘‘ का बिल्कुल विरोध करते हैं। यह या तो अनुग्रह है या कानून। मुझे यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं अपने काम से, या अनुष्ठानों का पालन करके बचाया जा सकता हूं। आमीन
 
 

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