शनिवार, 08 मार्च || आत्मिक अमृत
- Honey Drops for Every Soul
- Mar 8
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अध्ययनः 1 शमूएल 16ः 1-13
दाऊद - चरवाहा लड़के से जीवन के सबक
“दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? हे प्रभु यहोवा, तू तो अपने दास को जानता है!” - 2 शमूएल 7ः20
थियोडोर विलियम्स लिखते हैं, ‘‘जब प्रभु अपनी सेवा के लिए किसी व्यक्ति को चुनते हैं, तो वे उसके जीवन की शुरुआत से ही तैयारी की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं।‘‘ दाऊद के जीवन में ऐसा ही था। भजन संहिता 78ः 70, 71 कहता है, ‘‘फिर उसने (प्रभु ने) अपने दास दाऊद को चुनकर भेड़शालाओं में से ले लियाय यह उसको बच्चेवाली भेड़ों के पीछे फिरने से ले आया कि वह उसकी प्रजा याकूब की अर्थात उसके निज भाग इस्राएल की चरवाही करे।‘‘ अपने बचपन के दिनों में एक चरवाहे के रूप में दाऊद ने क्या सबक सीखे? सबसे पहले, उसे हर उस भेड़ से प्यार था जो उसकी देखभाल में थी। एक बार जब एक रीछ और एक सिंह आकर उसकी भेड़-बकरियों को उठा ले गए, तब दाऊद ने उनको मारा, और भेड़ को उनके मुंह से छुड़ा लिया। (1 शमूएल 17ः34-35) जब वह इस्राएल का राजा बना, तो उसे अपनी प्रजा के प्रति वही चिंता थी। दूसरा, जब दाऊद एक चरवाहा था तब उसे और उसकी भेड़ों को प्रभु की सुरक्षा का अनुभव हुआ। जब वह जंगल में था, तब उस ने देखा कि यहोवा ने उसे सिंह और भालू के पंजे से बचाया। बाद में जब वह इस्राएल का राजा बना, तब उसे यह विश्वास हुआ कि यहोवा उसके शत्रुओं से उसकी रक्षा अवश्य करेंगे। तीसरा, दाऊद की प्रभु के साथ व्यक्तिगत संगति थी। उसने उन्हें अपना चरवाहा कहा। (भजन संहिता 23ः1) यह रिश्ता उसके एक महान राजा बनने के बाद भी जारी रहा, क्योंकि उसने प्रभु की कोमल देखभाल का अनुभव किया था।
प्रिय मित्रों, प्रभु ने हमें चुना है और अपनी सेवा के लिए बुलाया है। आइए हम अपने आप को पूरी तरह से उनके प्रति समर्पित कर दें ताकि वे अपनी महिमा के लिए हमारा उपयोग कर सकेंगे।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, जब दाऊद एक चरवाहा लड़का था, तब आपने उसे इस्राएल का शक्तिशाली राजा बनाने के लिए कितनी अच्छी तरह प्रशिक्षित किया! आइए मैं भी अपने जीवन में आपकी योजनाओं को पूरा करने में आपके साथ सहयोग करूं और अपने आप को आपके राज्य के लिए उपयोग करने के लिए समर्पित कर दूं। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
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