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शनिवार, 02 नवम्बर आत्मिक अमृत

अध्ययनः न्यायियों 4ः 4-16


जब प्रभु हमारी लड़ाई लड़ते हैं तो हम विजेता होते हैं!

“उठ! क्योंकि आज वह दिन है जिसमें यहोवा सीसरा को तेरे हाथ में कर देगा।३” (न्यायियों 4ः14)

इस्राएल की भविष्यवक्ता और न्यायाधीश दबोरा ने देखा कि राजा याबीन और उसके सेनापति सीसरा के हाथों इस्राएलियों को कितना कष्ट हुआ था। उसने बराक को बुलाया और भविष्यवाणी की कि परमेश्वर के लिए अपने लोगों को उनके दुश्मन से छुड़ाने का समय आ गया है और इसलिए उसने उसे एक सेना जुटाने के लिए कहा। (न्यायियों 4ः14) उसने कहा कि प्रभु स्वयं सीसरा और उसकी सेना को बराक के हाथों में सौंप देंगे। ‘‘प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर, तुम्हें आज्ञा देता हैः जाओ, .... मैं सीसरा को खींच ले आऊँगा ... और उसको तेरे हाथ में कर दूंगा।‘‘ (न्यायियों 4ः6,7) फिर उसने उन लोगों को प्रेरित किया जो पहले भय और निराशा से पंगु थे। उसके आदेश पर, बराक ने सीसरा की सेना के खिलाफ युद्ध में जाने के लिए दस हजार लोगों को भर्ती किया। लेकिन ध्यान दें कि बराक ने क्या किया! उसने दबोरा के सामने स्वीकार किया, “यदि आप चाहती हो कि मैं युद्ध में जाऊँ, तो आप मेरे साथ आओ। ऐसा प्रतीत होता है कि आपमें वह साहस और अंतर्दृष्टि है जिसकी मुझे आवश्यकता है।‘‘ इसलिये दबोरा बाराक के साथ युद्ध के मैदान में गई, और यहोवा ने सीसरा और उसके सब रथों को मार डाला।


	प्रिय दोस्तों, हम सभी अपने जीवन में कभी-कभी ‘‘बराक‘‘ की तरह व्यवहार करते हैं। हमारे पास ईश्वर के पक्के वादे हैं, लेकिन हम उन पर आधे-अधूरे मन से ही अमल करते हैं। क्यों? क्योंकि हम “सीसरा” के 900 लोहे के रथों को अपने सामने युद्ध में खड़े देखते हैं। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि जब परमेश्वर वादा करते है, तो वे झूठ नहीं बोल सकते है। इसलिए हम मानवीय रूप से असंभव बाधाओं के खिलाफ लड़ाई में चलने के लिए आश्वस्त हो सकते हैं। दुनिया हम पर यह कहकर हँसेगी कि जब हमारे पास हथियारों की कमी है तो हम ‘‘लोहे के रथों‘‘ के ख़िलाफ कैसे जा सकते हैं? हमारा उत्तर दबोरा की तरह होना चाहिए जिसने घोषणा की थी, ‘‘आज प्रभु ने शत्रु को हमारे हाथों में दे दिया है!‘‘ृ

प्रार्थनाः हे प्रभु, मैं युद्ध में अपने सामने खड़ी घोड़ों और रथों वाली शत्रु की विशाल सेना को देखकर न घबरा जाऊँ। मुझे आप पर और आपके अटल वादों पर भरोसा रखने दीजिए। आप युद्ध के मैदान में मेरे साथ हैं। आप मेरे लिये प्रयत्न करेंगे, और आप मुझे मेरे शत्रु पर विजय दिलायेंगे। आमीन
 
 

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