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मंगलवार, अक्टूबर15 अध्ययनः निर्गमन 4ः1-1

आत्मिक अमृत

अब अपनी अपर्याप्तता का उद्धरण न दें

तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का‘ (निर्गमन 4ः14)


प्रभु की अपने प्रत्येक बच्चे के जीवन में महान योजनाएँ हैं, लेकिन केवल उनके सहयोग से ही वे उन्हें प्रभावी ढंग से पूरा कर सकते है। मूसा के जन्म से पहले ही प्रभु के पास उसके लिए एक महान योजना थी। इसलिए जब फिरौन ने सभी यहूदी शिशुओं को नील नदी में फेंक कर मार डालने का आदेश दिया तो उन्होंने अलौकिक तरीके से मूसा की जान बचाई। यहोवा की योजना मूसा के नेतृत्व में इस्राएलियों को मिस्र से छुड़ाने की थी। इसलिए जब उचित समय आया, तो यहोवा ने जलती हुई झाड़ी में मूसा से मुलाकात की और उससे कहा, ‘‘आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।“ लेकिन मूसा की प्रतिक्रिया क्या थी? हमने पढ़ा कि उसने कई अन्य कारण बताकर परमेश्वर के बुलावे को अस्वीकार कर दिया। उसने कहा कि वह इतना बड़ा काम के लिए उपयुक्त नहीं था। यह पहले तो हमें विनम्रता लग सकती है, लेकिन यह विनम्रता नहीं बल्कि मूसा के अहंकार को दर्शाता है। प्रभु ने लाठी को साँप में बदलकर और उसके कोढ़ी हाथ को सामान्य हाथ में बदलकर अपनी शक्ति प्रकट की, इसके बावजूद, मूसा ने खुद को प्रभु के महान आदेश के आगे झुकने से इनकार कर दिया। वह एक के बाद एक आपत्तियाँ देता रहा और इससे प्रभु का क्रोध बहुत भड़क गया। वास्तव में मूसा ने ऐसा व्यवहार किया मानो वह परमेश्वर को यह साबित करना चाहता हो कि उसका चुनाव सही नहीं था। वह केवल अपनी अपर्याप्तता को उजागर कर रहा था और उसे प्रभु की अनंत शक्ति पर भरोसा नहीं था।


प्रिय मित्रों, स्पष्ट सत्य यह था कि मूसा वास्तव में इस कार्य के लिए अपर्याप्त था। हममें से हर कोई ऐसा ही है। प्रभु हमें जो भी करने के लिए कहते हैं उसे करने के लिए हम अपर्याप्त होते हैं। यदि हम अपने भीतर पर्याप्त होते तो हमें परमेश्वर की आवश्यकता नहीं होती थी। परमेश्वर को केवल अनुभवहीन, अपर्याप्त लोगों की आवश्यकता है। तो आइए हम प्रभु को कोई बहाना न दें, बल्कि वे जो कुछ कहे उसे करने के लिए तैयार रहें और जहां कहीं वे भेजे वहां जाएं। हममें कई कमियाँ हो सकती हैं, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि परमेश्वर हमें अंदर और बाहर से जानते है। फिर भी वे चाहते है कि हम उनके लिए काम करें। क्या हमारे निर्माता, प्रभु के लिए काम करना एक बड़ा सौभाग्य नहीं है? आइए हम उनके आह्वान को खुशी से स्वीकार करें। हमारी अपर्याप्तताओं के बावजूद, वे हमें अपनी महिमा के लिए उपयोग करेंगे। 

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, जब आप मुझे अपने काम के लिए उपयोग करने के इच्छुक हैं, तो मुझे इसे तुरंत स्वीकार करने दें और भरोसा रखें कि आप मेरी अपर्याप्तता को असाधारण कौशल में बदल सकते हैं औरआप मेरा उपयोग कर सकते हैं। आपकी इच्छा के अनुसार और जहां आप चाहें, मेरा उपयोग करें। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन


 

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