top of page

मंगलवार, 05 नवंबर आत्मिक अमृत

अध्ययनः अय्यूब 1ः 6-12



कभी-कभी परमेश्वर आध्यात्मिक विरोध की अनुमति देते है

“क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध लहू और मांस से नहीं परन्तु प्रधानों से, ३ और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं।“ (इफिसियों 6ः12)

शैतानी विरोध के बारे में हमें तीन बातें जानने की जरूरत है। सबसे पहले, इसकी अनुमति परमेश्वर द्वारा दी गई है। अय्यूब की पुस्तक कहती है कि शैतान को परमेश्वर के सामने आना पड़ा और अय्यूब को कष्ट देने के लिए उसे उनसे अनुमति लेनी पड़ी। अय्यूब ने सब कुछ खो दिया - अपना परिवार, अपना घर, अपनी संपत्ति, अपना स्वास्थ्य। पुस्तक के अंत में ही हमें पता चलता है कि परमेश्वर उस पीड़ा से क्या हासिल करना चाहते थे, लेकिन यह सब कुछ पल के लिए अय्यूब की आँखों से छिपा हुआ था। वैसे ही, यह हमारी आँखों से भी छिपा हुआ है। हमारी पीड़ा के पीछे, दुष्ट और राक्षसी प्राणियों की द्वेषपूर्ण शक्तियां काम कर रही हैं। दूसरा, परमेश्वर इसे एक कारण से अनुमति देते है - हमें प्रशिक्षित करने के लिए। हमें यह याद रखना चाहिये कि विरोध हमें प्रशिक्षित करने का परमेश्वर का तरीका है। क्लेश, पीड़ा और हृदय वेदना अक्सर हमारा ध्यान आकर्षित करने के परमेश्वर के तरीके होते हैं। वे चाहते है कि हम सुनें कि वे हमसे क्या कह रहे है, ताकि हम मुसीबत से उबर सकें और उससे ऊपर उठ सकें। हममें से कई लोग इससे गुजर चुके हैं। हमने परमेश्वर पर तब तक बहुत कम ध्यान दिया जब तक हमें अत्यधिक हृदय पीड़ा का समय नहीं भुगतना पड़ा। तीसरा, परमेश्वर हमें मसीह में परिपक्व बनाने के लिए कष्ट सहने की अनुमति देते है। परिपक्वता का अर्थ है कि हम यह देखना शुरू कर देते हैं कि परमेश्वर नियंत्रण में है, कि वे उन उद्देश्यों को पूरा कर रहे है जिन्हें हम नहीं समझते हैं, और हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार होते हैं। परिपक्वता का अर्थ यह भी है कि हम परमेश्वर पर भरोसा करना सीख रहे हैं।


	तो प्यारे दोस्तों, जब हम शैतानी विरोध का सामना करते हैं तो हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि प्रार्थना करना चाहिए कि यह हमारे विश्वास को गहरा करेगा, और हमें इस परेशान दुनिया में आध्यात्मिक रूप से स्थिर बनाएगा।

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मुझे यह समझने दीजिए कि आप शैतानी विरोध को मुझे अधिक परिपक्व और आध्यात्मिक रूप से मजबूत और स्थिर बनने के लिए प्रशिक्षित करने की अनुमति देते हैं। संकट के समय आप मुझे क्या सिखाते हैं, इसे मुझे सुनने दीजिए। मुझे थकने न दें, बल्कि भरोसा रखने दें कि आप नियंत्रण में हैं और आप मुझे जीत की ओर ले जाएंगे। आमीन
 
 

Our Contact:

EL-SHADDAI LITERATURE MINISTRIES TRUST, CHENNAI - 59.

Office: +91 9444456177 || https://www.honeydropsonline.com

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page