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गुरुवार, अक्टूबर 17 अध्ययनः गलातियों 5ः16-25

आत्मिक अमृत

सफेदी किये हुए कब्रगाह

पर मैं कहता हूँ, आत्मा के अनुसार चलो तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।“ (गलतियों 5ः16)


अपनी एक पुस्तक में, भाई बख्त सिंह ने उन दिनों के बारे में लिखा है जब वे अभी तक बचे नहीं गये थे, इस प्रकारः ‘‘मेरी माँ सोचती थी कि मैं एक बहुत अच्छा लड़का हूँ क्योंकि मैं बहुत कम ही किसी शरारत में पड़ता था। मैंने स्कूल में उपन्यास पढ़ना शुरू किया, और एक दिन मैं उनमें से बहुतों के साथ घर आया, और रात के दो बजे तक पढ़ रहा था। मेरी माँ ने कहा, ‘‘तुम इतनी मेहनत से क्यों पढ़ रहे हो?‘‘ मैंने उत्तर दिया, ‘‘माँ, मुझे एक परीक्षा देनी है, और मेरे शिक्षक ने मुझसे कहा है कि स्कूल आने से पहले ये सभी किताबें पढ़ लूं। मुझे बहुत मेहनत से पढ़ाई करनी है।‘‘ माँ ने कहा, ‘‘तुम बिचारे लड़के हो,‘‘ और उन्होंने मुझे अतिरिक्त दूध, मलाई और मक्खन दिया। ‘‘वहां मैं गंदे उपन्यास पढ़ रहा था, और मेरी मां को लगा कि मैं पढ़ रहा हूं।‘‘ बाद में किताब में उन्होंने आगे लिखा, ‘‘हम बाहर से बहुत अच्छे और बहुत नेक दिख सकते हैं, लेकिन अंदर से हम बहुत कुटिल हैं।‘‘

प्यारे दोस्तों, देखिये भाई बख्त सिंह ने अपनी माँ को कैसे अपनी दिखावट और शब्दों से धोखा दिया। हम में से ज्यादातर लोग भी यहीं कर रहे है। हम दिखावट और वाणी से खुद को सीधा, शुद्ध और निर्दोष दिखाते है, लेकिन अंदर से हम पूरी तरह भ्रष्ट होते है। हम दिनिया को दिखाते है कि हम बहुत अच्छे है, लेकिन हम बिल्कुल इसके विपरीत सिचते है और काम करते है, बहुत चालाकी से दूसरों को धोखा देते हैं। क्या हम कभी प्रभु को धोखा दे सकते हैं जैसे हम लोगों को धोखा देते हैं? नहीं! वे हमारे बारे में सब कुछ जानते है। साथ ही, परमेश्वर चाहते है कि हमारे जीवन में ‘टेढ़े को सीधे करें‘। यही कारण था कि उन्होंने अपने इकलौते पुत्र यीशु को क्रूस पर मरने के लिए भेजा। यदि हम केवल यह विश्वास करें कि वे हमारे लिए मर गये और फिर से जी उठे, और उन्हें अपने परमेश्वर और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करें, तो हम अंदर और बाहर से भी स्वच्छ हो सकते हैं। प्रिय मित्रों, वे न केवल हमें बचाते है, बल्कि हमें निर्दोषता से चलने में भी मदद करते है। केवल इसी प्रयोजन के लिए उन्होंने हमें अपनी पवित्र आत्मा दी है। आज का पाठ बताता है कि यदि हम आत्मा के अनुसार जियें तो हम शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास नहीं करेंगे। हम अब सफेदी किये हुए कब्रगाह नहीं रहेंगे।

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मैं आभारी हूं कि प्रभु यीशु ने मेरे लिए क्रूस पर जो बलिदान दिया, उसके कारण मेरी ‘एक समय की‘ जीवनशैली बदल गई है। मुझे आत्मा के अनुसार चलने और पाखंड और धोखे से बचने में मदद करें। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन

 

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