गुरुवार, 27 मार्च || आत्मिक अमृत
- Honey Drops for Every Soul
- Mar 27
- 2 min read
अध्ययनः लूकाः 22ः 54-62
पतरस की आध्यात्मिक विफलता के कारण
‘‘पतरस ने कहा, ‘‘हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है! ...‘‘ - लूका 22ः 60
पतरस के पतन के क्या कारण थे? सबसे पहले, आत्मविश्वास। यीशु ने पतरस को पहले ही आगाह कर दिया था कि शैतान ने उसे गेहूँ की तरह छानने के लिए माँगा था। (लूका 22ः31) लेकिन पतरस ने उनके वचन को गंभीरता से नहीं लिया। उसने कहा, “हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्दीगृह जाने, वरन मरने को भी तैयार हूँ।” (लूका 22ः33) पतरस ने सोचा कि वह तैयार था, लेकिन जब परीक्षा का समय आया तो वह बुरी तरह विफल हो गया। पतरस ने यह नहीं सीखा था कि प्रभु के बिना वह सिर्फ गिरने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था। दूसरा, पतरस मनुष्यों से डरता था। लूका 22ः54 में लिखा है कि जब यीशु को महायाजक के घर में ले जाया गया था, तो पतरस कुछ दूरी पर उनके पीछे-पीछे चला। पतरस के लिए “उनके साथ बन्दीगृह जाने” का समय आ गया था, लेकिन वह आगे बढ़ने से अपने पैर को रोक रहा था क्योंकि उसे डर था कि यीशु के दुश्मन उसे भी गिरफ्तार कर लेंगे। तीसरा, वह अपवित्र भीड़ में शामिल हो गया। आग के चारों ओर गर्मी पाकर और उनके साथ घुलने-मिलने की उम्मीद में, वह उन लोगों के सेवकों के बीच बैठ गया जिन्होंने यीशु को गिरफ्तार किया और सताया था। चैथा और सबसे महत्वपूर्ण बात, पतरस ने प्रलोभन से पहले प्रार्थना नहीं की। शायद पतरस की असफलता टाली जा सकती थी यदि वह प्रभु की आज्ञाकारी होता और सोने के बजाय, उस समय को गतसमनी के बगीचे में प्रार्थना करते हुए बिताता कि प्रभु उसे धीरज धरने की कृपा प्रदान करें।
प्यारे दोस्तों, यह पतरस का आत्मविश्वास ही था जिसने उसे मसीह को अस्वीकार करने के लिए प्रेरित किया। जब अभिमान हमारे हृदय के सिंहासन पर बैठता है तो हम घमंड से कहते हैं, ‘‘मैं सब कुछ संभाल सकता हूँ।‘‘ हमें सावधान रहना चाहिए। हमें पतरस पर कायरता और यीशु को अस्वीकार करने के लिए पत्थर नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि हमने खुद कितनी बार लोगों के सामने मसीह को अपना प्रभु मानने से इनकार किया है, क्योंकि हमें अस्वीकार किए जाने और उपहास किए जाने का डर है? आइए हम परमेश्वर से उनकी कृपा मांगें कि चाहे कुछ भी हो जाए हम उनके लिए खड़े रहें।
प्रार्थनाः प्यारे प्रभु, पतरस अपने अहंकार और आत्मविश्वास के प्रति अंधा था। उसने अपने शरीर में घमंड किया और वह प्रार्थना में सफल नहीं हुआ। इसलिए वह बुरी तरह विफल हो गया। मुझे पतरस पर आरोप नहीं लगाना चाहिए क्योंकि मैंने भी आपको अस्वीकार किया है। मेरे घमंड और प्रार्थनाहीनता को क्षमा करें। मैं आपकी कृपा चाहता हूँ कि मैं आपके साक्षी के रूप में साहसपूर्वक खड़ा रहूँ। आमीन।
Our Contact:
EL-SHADDAI LITERATURE MINISTRIES TRUST, CHENNAI - 59.
Office: +91 9444456177 || https://www.honeydropsonline.com
Comentarios