यीशु प्रभु, यीशु मसीह!
मेरी आँखें रात के एक एक पहर से पहले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूँ।
भजन संहिता 119ः148
भजन 119 सबसे लंबा भजन है और यह पूरी तरह से परमेश्वर के वचन की महिमा और वचन के प्रति एक आस्तिक के दृष्टिकोण के बारे में है। परमेश्वर के वचन की तुलना भजनहार द्वारा ‘दीपक‘ से, भविष्यवक्ता यिर्मयाह द्वारा ‘आग‘ और ‘हथौड़े‘ से और प्रेरित पौलुस द्वारा ‘जीवन के बीज‘ और ‘तलवार‘ से की गई है। वचन इतना मूल्यवान है कि कई विश्वासी परमेश्वर के वचन के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए भी तैयार थे - विशेष रूप से साम्यवादी देशों में। आइए मैं आपके साथ जीवन का एक सच्चा घटना साझा करता हूँ। एक ईसाई मित्र, जिसका शौक पुरानी किताबें इकट्ठा करना था, वह एक मित्र से बात कर रहा था, जिसने उल्लेख किया कि उसने अपने घर के अटारी की सफाई करते समय एक पुरानी, फटी हुई पवित्र शास्त्र फेंक दी थी। ‘‘इसे किसने छापा, क्या आप जानते हैं?‘‘ पुस्तक प्रेमी ने पूछा। ‘‘ओह, कोई तो जिसका नाम गुटेन-कुछ दिया था।‘‘ उसने उत्तर दिया। ‘‘गुटेनबर्ग!‘‘ ‘‘तुमने गुटेनबर्ग पवित्र शास्त्र को फेंक दिया! क्या तुम्हें एहसास है कि अगर तुमने इसे नीलाम किया होता, तो इसकी कीमत इतनी होगी कि आप करोड़पति बन जाते थे?‘‘ किताबों का संग्रहकर्ता हांफने लगा। मित्र ने अविचलित होकर कहा, ‘‘हो सकता है, लेकिन इसका कोई मूल्य नहीं होता। मार्टिन लूथर नाम के किसी व्यक्ति ने इस पर बहुत कुछ लिखा था।‘‘ यह सुनकर ईसाई मित्र को जीवन का सबसे बड़ा झटका लगा। उसने कहा, ‘‘तुमने क्या किया मित्र? यह सबसे पहले मुद्रित पवित्र शास्त्र रही होगी, क्योंकि गुटेनबर्ग ने ही प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया था। इससे भी बड़ी बात यह है कि इसका स्वामित्व उस व्यक्ति के पास था जिसने प्रोटेस्टेंट आंदोलन की स्थापना की थी! इतनी मूल्यवान और अमूल्य संपत्ति को फेंकने से तुमने कितनी मूर्खता की है!‘‘
प्रिय मित्रों, हो सकता है कि हमारे हाथ में सबसे पुराना मुद्रित पवित्र शास्त्र न हो। लेकिन, क्या हम सबसे मूल्यवान और अमूल्य पुस्तक, पवित्र शास्त्र - परमेश्वर का वचन, की उपेक्षा करके मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं? क्या हम इसे अपने घरों में सिर्फ एक सजावटी वस्तु के रूप में रखते हैं? आइए हम आज संकल्प करें कि हम दिन-रात परमेश्वर के वचन पर ध्यान करते रहेंगे। और पवित्र शास्त्र रखने के विशेषाधिकार के लिए आभारी हृदय रखें।
प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मेरे पास पवित्र शास्त्र है, लेकिन मैं वचन पढ़ने और उस पर मनन करने में बहुत कम समय बिताता हूँ। मेरी सुस्ती दूर करने और आपके वचन पर अमल करने में मेरी मदद करें। सत्य को समझने और मेरे हृदय में अंकित करने में मेरी सहायता करें। वचन मेरे मार्ग के लिए प्रकाश बने। यीशु के नाम पर मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।
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